हिंदाव की जगदी यद्यपि क्षेत्र की एकमात्र प्रमुख सार्वजनिक देवी है, परंतु जात, महायज्ञ, पूजा आदि के सफल संचालन के लिए नौज्यूला के पंचों के 16 गांवों की 32 सदस्यीय समिति बनाई गई है. इस समिति का नियत कार्यकाल खत्म होने पर नई समिति चयनित की जाती है. कमेटी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष के साथ ही प्रत्येक थोक के दो लोग सक्रिय सदस्य के रूप में चुने जाते हैं. जगदी जात एवं अन्य सभी कार्यों को कुशलतापूर्वक संपन्न कराना कमेटी की प्रमुख जिम्मेदारी है. कमेटी का दायित्व होता है कि जब एक बार जगदी की जात या अन्य कार्यक्रम तय हो जाएं, तो फिर चाहे कोई भी बाधा रास्ते में क्यों न आ जाए, कार्यक्रम को संपन्न कराना है. जगदी जात के अवसर पर चाहे जगदी का शृंगार करना हो, या फिर शृंगार के बाद बाहर गिमगिरी पर निकालना हो, कमेटी के सदस्य तत्परता के साथ अपने कार्यों को अंजाम देते हैं. जगदी की यात्रा में कमेटी के सदस्य बिल्कुल एक तरह से जगदी के लिए सुरक्षा घेरा बनाकर जहां जगदी जाती है, वहां जगदी के साथ चलते हैं. जगदी के कार्यक्रमों की शुरुआत से लेकर समापन तक की जिम्मेदारी कमेटी के लोगों की होती है. नौज्यूला के पंचों की उक्त कमेटी जगदी की डोली, जगदी के बाकी सहित अन्य प्रतिष्ठित बाकियों सहित जात एवं अन्य कार्यक्रमों की सुनिश्चत समापन हेतुमुख्य आधार स्तंभ है. इसीलिए कमेटी में समिति के उच्च पदों पर नौज्यूला के प्रतिष्ठित या सयाणे जैसे व्यक्तित्व ही आसीन होते थे और इनका मकसद जगदी जात सहित सभी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न करना ही होता था.
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