Wednesday, June 16, 2010
जनप्रतिनिधियों से पर्यटन क्षेत्र बनाने की मांग
हिंदाव की जगदम्बा का प्रभाव हिंदाव तक ही सीमित नहीं है. यद्दपि जगदी हिंदाववासियों की आराध्य देवी है मगर आस-पास की पट्टिïयों में भी जगदी को अति प्रचाधारी देवी के नाम से जाना जाता है. यहां की पड़ोसी पïट्टïी ग्यारह गांव हिंदाव, नैलचामी, भिलंग, केमर अर्थात समूचे भिलंगना प्रखंड एवं लस्या, भरदार में जगदी को प्रमुख देवियों में गिना जाता है. जगदी जात के दिन दूर-दूर से लोग यहां देवी दर्शन के लिए आते हैं. साथ ही यहां की अन्य पट्टिïयों में विवाहित महिलाएं भी इस दिन का दिल थाम कर इंतजार करती हैं. जगदी जात के दौरान हिंदाववासियों के घरों में नाते-रिश्तेदारों का तांता लगा रहता है और अपने इस प्रमुख मेले के लिए क्षेत्रवासियों द्वारा अपने रिश्तेदारों/परिचितों को यहां आने का न्यौता दिया जाता है. हाल में आवागमन की सुलभता, संचार एवं प्रसार माध्यमों के चलते जगदी की जात राज्य के अन्य प्रमुख मेलों की तरह प्रसिद्ध हो रही है. उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद बदले राजनीतिक समीकरणों के मद्देनजर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की मेले में बढ़-चढ़ कर उपस्थिति मेले को राज्यस्तर पर पहचान दिलाने की ओर अग्रसर है. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय प्रबुद्ध वर्ग के प्रयासों के चलते उम्मीद की जानी चाहिए कि जगदी की जात क्षेत्रीय सीमाओं को लांगकर राज्य में प्रमुख मेलों में सुमार होगी. दिनोंदिन जिस प्रकार राजनीतिक दलों के नेता एवं जनप्रतिनिधियों का रुख इस क्षेत्र की प्रमुख देवी की जगदी जात की ओर बढ़ रहा है, मेले में घोषणाएं एवं मांगें भी होने लगी हैं. क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने की भी मांग उठने लगी है.
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