Tuesday, June 29, 2010

होम का प्रमुख ओहदा था जगपति

किसी भी कार्य की सकुशल संचालन के लिए पहली आवश्यकता होती किसी सेनापति की, जिसके नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम को निर्विघ्न संपन्न कराया जा सके. पूर्वजों द्वारा स्थापित इस भव्य सार्वजनिक यज्ञ (होम) के लिए भी नेतृत्व हेतु किसी एक व्यक्ति को 'जगपतिÓ नियुक्त करने की परंपरा शुरू हुई, लेकिन जगपति अपने नाम के अनुरूप होम संचालित करने का एक अतिविशिष्टि ओहदा था. सारे कार्यक्रम जगपति के निर्देश पर होते थे और इस पद पर यहां के नौज्यूला के प्रतिष्ठत व्यक्ति को आसीन किया जाता था. कालांतर में विभिन्न थोकों के विस्तार होने से व्यवस्थाओं में भी परिर्वतन हुए.

No comments:

Post a Comment

फिर उत्तराखंड की उपेक्षा

केन्द्रीय मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में भी उत्तराखंड को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. जिससे पहाड़ की जनता निराश है. केंद्र सरकार में उत...